जिम की इन मशीनों में टॉयलट से ज्यादा कीटाणु
जिम जाना आज की जरूरत है। बॉडी बनानी हो या फिर फैट वाली बॉडी को शेप में लाना। सबके लिए जिम ही एक सरल उपाय है ।वर्कआउट करना इसलिए भी जरूरी है, ताकि स्टेमिना मजबूत हो यानि जरा सा काम करने पर थकान न आये।
अब ये जानना जरूरी है किस मशीन में कितना बैक्टीरिया है।
क्या कहती है रिसर्च-
कॉर्सफिट
अगर आप कॉर्सफिट करते हैं तो जान लीजिए। आपके बारबेल्स में टॉयलट से 300 गुणा अधिक कीटाणु हैं।
योगा मैट
रिसर्च के मुताबिक योगा मैट में टॉयलट से 56 गुणा अधिक कीटाणु होते हैं। तो बेहतर ये होगा अगली अपना खुद का मैट इस्तेमाल करें ।
ये सिर्फ दो ही नहीं बल्कि ट्रेडमिल, स्टेशनरी बाइक में 300 से 400 गुणा बैक्टीरिया हेते हैं।
अब ये जानना जरूरी है किस मशीन में कितना बैक्टीरिया है।
क्या कहती है रिसर्च-
कॉर्सफिट
अगर आप कॉर्सफिट करते हैं तो जान लीजिए। आपके बारबेल्स में टॉयलट से 300 गुणा अधिक कीटाणु हैं।
योगा मैट
रिसर्च के मुताबिक योगा मैट में टॉयलट से 56 गुणा अधिक कीटाणु होते हैं। तो बेहतर ये होगा अगली अपना खुद का मैट इस्तेमाल करें ।
ये सिर्फ दो ही नहीं बल्कि ट्रेडमिल, स्टेशनरी बाइक में 300 से 400 गुणा बैक्टीरिया हेते हैं।
Comments