वो मेरी माँ
एक आँचल जो आज तक छाँव दे रही है।
मेरी ख़ुशियों को सच्चा नाम दे रही है। ।
हर दर्द में रहती है मेरे साथ साये की तरह।
जिसका एहसास मुझे रुह तक आराम दे रही है। ।
हल्की सी ठोकर में हर ज़ुबां आ जाती है वो।
एक आंसू कतरा भी नहीं देख सकती जो मेरी आँखों में।
वो मेरी माँ , मम्मी ,मम्मा ,अम्मा ही तो है वो। ।
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