जब बात हो बच्चों की सुरक्षा की 

बच्चों की सुरक्षा गंभीर मुददा है। इस ओर प्रशासन और सरकार इतना ध्यान भी नहीं दे पा रहे है। इसे एक विडंबना ही कहा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच 2013 में केंद्र एवं राज्य सरकार को हिदायत भी दी थी बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट बनाएं। सरकारी आंकडों के मुताबिक करीब 2011 से 2014 के बीच तीन लाख पच्चीस हजार बच्चों गायब हुए। वहीं नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि हर आठ मिनट पर एक बच्चा गुमशुदा होता है। जिसमें से अमुमन 44 प्रतिशत बच्चों का पता भी नहीं चलता है। ये दिल दहला देने वाली बात उनके लिए ज्यादा मायने रखती है जो पेरेंटस हैं। हर पल उनको आशंका रहती है कि कब और कहां बच्चे के साथ कोई हादसा न हो जाए। खैर बात करते हैं बच्चों के लापता होने की, अधिकतर बच्चों को इसलिए उठाया जाता है ताकि वसूली की जा सकी या फिर उनसे अवैध धंधे करावाया जा सके। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो परिवार से परेशान होकर भी भाग जाते हैं। गैरसरकारी संस्था और प्रशासन का कहना है कि लापता बच्चों की खोज करना बहुत ही मुश्किल काम है। ये काम तब और मुश्किल हो जाता है। जब बच्चा बहुत छोटा हो और ठीक से बात भी नहीं कर पा रहा हो। ऐसे में बच्चा अगर किसी सही इंसान के पास भी जाता है तो वो अपना पता और नंबर बताने में असमर्थ रहता है। इस ओर हर किसी का ध्यान होना चाहिए खासकर के पेरेंटस का।
GPS Tracker for Kids. The need of child tracking devices in India
सवाल ये उठता है कि आखिर बच्चे का ख्याल रखा कैसे जाए। प्रशासन भी जब असमर्थ तो क्या करें। बच्चे को स्कूल जाना, क्रेश जाना और ट्यूशन जाना होता है। समस्या और गंभीर हो जाती है जब पेरेंटस वर्किंग हों। उनके पास तो और समय नही होता बच्चे के लिए। तो कैसे बच्चे के बारे में जानकारी रखी जाए। इसके लिए बाजार में जीपीएस टेªकर है जिससे आप बच्चे को दे सकते हैं। इसमें कुछ ऐसे भी हैं जिससे काॅल भी कि जा सकती है। कुछ नंबर भी सेव किए जा सकते हैं। जिससे बच्चा अगर किसी मुसीबत में हो तो पेरेंटस को उसके लोकेशन का पता चल सकता है। कुछ इसमें रिस्ट वाॅच की तरह है तो कुछ और फारमेट में मौजूद है। एसओएस सुविधा वाले जीपीएस से पेरेंटस को काॅल करने की भी सुविधा है।
बदलते भारत के लिए जीपीएस खास हो सकता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए अगर उनको जीपीएस दे दिया जाए तो पेरेंटस की परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी।
http://zenparent.in/parenting/jab-baat-bacchon-kisurksha-ki-ho-need-of-gps-tracker-for-kids-in-india-hindi

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Best one

अब तो जागो