सिर्फ नफरत
मुझे मालूम है मेरे सिसकियों का कद कम है जो आपकी नफरत की दीवार को नहीं फांद सकता है, मगर क्या ये कम है कि इस बहाने हम एक दूसरे को याद करते रहेंगे। ।
कहते हैं मोहब्बत हो या नफरत दोनों में जुनून की जरूरत होती है, चलो कोई बात नहीं मैं मोहब्बत करती हूं और तुम सिर्फ नफरत कर डालो।।
इस बहाने तुम मेरा नाम तो पुकारोगे, मैं खुश रहूंगी कि कम से कम मैं अब तक आपके जुबान तक तो आती हूं।।
हिचकियों का असर तो सुना होगा आपने, जिस वक्त भी आप मेरा नाम लेगें, नफरत करने के लिए, यकीनन हिचकियां मुझे हिला देंगी, शायद मेरी जुबान भी कट जाए, कोई बात नहीं मैं ये समझ लूंगी कि मुझे ठोकर लग गयी।।
मगर तुम मेरी सिसकियों तक मत जाना, उनको सुनने, समझने की कोशिश मत करना, वरना ये सिसकियां भी आपकी ही हो जाएंगी मेरे दिल की तरह....
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