सब्र
जब सब रेत की तरह धह जाए तो सब्र करो
जब खुद की लगाई आग से अपने ही हाथ जल जाए तो सब्र करो
सुनना सबकी शुरू करो और गौर भी करो उनपर लेकिन जब कोई आपका दिल दुखाए तो सब्र करो
सवाल हर कोई करेगा, तुम्हारे बुझे चेहरे पर, बेखौफ मुस्कान पर कोई तंज कस जाए तो सब्र करो
कुछ खुद को बदलो दूसरे खुद ही बदल जाएंगे, वक्त और उनकी हिदायत पर सब्र करो
किसी से हालत को जिक्र करना ही बेमानी है खुद से,
खामोशी से सब कुछ सह जाओ और सब्र करो
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