हमारा वैलेंटाइन
वैलेंटाइन डे को लेकर हर एक लड़के लड़की में उत्साह होना स्वाभाविक है। सो थोड़ा सा मुझमें भी रहता है, हां ये अलग बात है कि सिर्फ मनाने का क्रेज है मगर वो किसी वैलेंटाइन के साथ नहीं, अपनी खुशी और अपनी आजादी के साथ। सो इस वैलेंटाइन डे को मैंने अपनी दोस्त पूजा के साथ अनाथ आश्रम का रुख कर लिया ताकि खुशी के पल उन लोगों से साथ बिताया जाए जो ये नहीं जानते कि परिवार का प्यार क्या होता है। एक लंबी ड्राइविंग के बाद हम दोनों पहुंचे मोतीनगर जहां गल्र्स अनाथअश्राम में जाकर बच्चों के साथ खूब मस्ती की और उनसे ढ़ेरों बातें भी की। इसे आप ये जरूर कह सकते हैं कि हम दोनों के दोस्त तो बहुत हैं मगर प्यार और वैलेंटाइन का शौक है न जरूरत, क्योंकि हम दोनों अपने काम और आजादी में बहुत खुश रहते हैं। खैर वहां दो ऐसी लड़कियां भी मिली जिनसे मिलकर दिल यही किया कि उनको अपने साथ रखें, सच इतने सीमित साधन में जमकर पढ़ाई फिर हाईस्कूल यूपी बोर्ड 83 परसेंट लाना अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है। तो ऐसा रहा हमारा वैलेंटाइन जिसमें मेरे कुछ खास दोस्तों ने चॉकलेट भी दी टेडी भी दिया फिर क्या जरूरत है वैलेंटाइन बनाकर सिर दर्द लेने की।
Comments