सीएम का वेलकम
एक इंसान के आने पर इतनी सुरक्षा व्यवस्था कि लग रहा था मानों उनको किसी की नजर लग जाएगी। यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि सीएम की सुरक्षा को लेकर प्रशासन मुस्तैद था इसलिए शायद हर चार कदम पर पुलिस तैनात थी। खैर शुक्रवार को शहर में सीएम पुलिस लाइन में आ रही उस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय था। मालूम पड़ रहा था सड़क पर इंसान दिखा तो पुलिस वालों की नौकरी चली जाएगी। मीडिया को सीएम के आने की खबर थी मगर आम आदमी इससे अंभिज्ञ था तभी सुबह के 8.30 बजे हर कोई अपने रूटीन वर्क के लिए बाहर निकल पड़ा था। कोई हनुमान सेतु मंदिर जाना चाह रहा था तो किसी को नौकरी बचाने के लिए अल सुबह ऑफिस पहुंचना था। मगर इन सब के बीच यूपी की मुखिया का आना किसी बारात से कम नहीं था। हर कोई बारात के स्वागत में मशरूफ नजर आया। अजीब तो ये लग रहा था कि लोगों को सड़क से हटाया तो जा रहा था मगर उनको छुपाया भी जा रहा था ताकि वो सीएम की गाड़ी न देख सकें। ऐसा क्यूंह ै इस बारे में जब एक पुलिस सुरक्षा बल से पूछा तो जवाब मिला ताकि किसी को शक न हो कि ये यहां क्यों खड़ा है अगर किसी अधिािरी ने एक भी इंसान को देखा तो जवाब तलब करवाया जाएगा। फिर भी लोगों में मैडम की गाड़ी देखने का कौतूहल बरकार रहा क्योंकि काले शीशे के अंदर इंसान की शक्ल नहीं देखी जा सकती थी तो गाड़ी देखकर ही तसल्ली करनी पड़ रही थी। इस दौरान पास में खड़ी एक महिला ने पूछ लिया इसमें जिस गाड़ी की छत पर एनटीना लगा है जरूर उसी में सीएम होगी , तभी उसके पति ने उसे फटकार दिया तुम्हें कार और जीप की पड़ी है वहां जीजा की तबीयत खराब है उनका इलाज कराएं या सीएम की गाड़ी पहचाने। आज सीएम की सुरक्षा के साथ ही ऐसे कई लोग थे जिनके जीवन और भविष्य पर तलवार लटक रही थी मगर किसी को इसकी परवाह नहीं थी क्योकि हर कोई अपने भविष्य के लिए मुस्तैद था।
दीपा श्रीवास्तव
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