रोशन है बचपन की दीपावली


दो दिन बाद दीपावली है हर ओर तैयारी चल है कुछ लोगों के यहां तैयारी हो भी चुकी है। इस दौरान बच्चों में तो पटाकों और झालरों का क्रेज  रहता ही है साथ ही बड़ों में भी छुटृटी का मजा लेने का इंतजार होता है। आज जूडो का पहला टूर्नामेंट था सिल्वर मेडल जीत कर मैंने तो अपनी दिवाली जगा ली। आगे देखिए क्या होता है। बच्चों का लंबा चौडा हूजूम डालीबाग साइड पटाखों की खरीददारी के लिए जा रहा था साथ ही कुछ बच्चे अपने परिवार के साथ ढे़रों पटाखें लेकर वापस भी आ रहे थे।
बच्चों का चहकता चेहरा देखकर अपना बचपन याद आ गया जब हम भी इन्हीं के जैसे हुआ करते थे और धमाके वाले पटाखें छोड़ना मेरा पैशन हुआ करता था। टीवी देखने का बहुत शौक था इसलिए रात में 12 बजे के बाद पटाखे नहीं जलाती थी क्योंकि टीवी पर देर रात तक पटाखा न जलाने के लिए विज्ञापन आता था। लेकिन इतनी रात तक तमाशा करने के बाद भी दूसरी रात का इंतजार हुआ करता था। कहते हैं न गुजरा हुआ जमाना वापस नहीं आता सो बचपन कहां से आ सकता है। आज पटाखे की खरीददारी करते वक्त भाई ने हजारों रूपए लगा दिए मैंने भी मना नहीं किया क्योंकि ये वो समय जो वापस नहीं आएगा। मगर वो छांट-छांट कर धमाका करने वाले पटाखे ही ले रहा उसके लिए मैंने टोका खैर उसकी धमाकेदार पटाखों की ललक को देखकर अपना बचपन याद आया उस दौरान लहसुन बम चलता था और बंदूक की गोलियां बारूद वाली आती थी जो अब नहीं आती हैं। वहीं मेरा फेवरेट होता था इसके अलावा अनार और चरखी तो आज भी मुझे बहुत पंसद हैं इन्हें मैं जरूर छुड़ाती हूं। इन धमाकेदार पटाखों से नाता टूटना भी इत्तेफाक ही था कि मैं मुर्गाछाप पटाखा जला रही थी वो भी बंदूक की गोली से तभी दो बम मेरे चेहरे के सामने आ कर फट गए मैं जली तो कम थी मगर बुरी तरह डर गयी थी। आज आलम ये है कि चरखी,अनार और रॉकेट जलाने के लिए भी चार फीट लंबा डंडा लेती हूं फिर उसमें कैंडिल बांधकर चिंगारी लगाती हूं। इस हरकत पर लोग मजाक भी उड़ाते हैं मगर सुरक्षित दीपावली मनाने के लिए ये जरूरी है। पटाखे छुड़ाने का जिक्र हुआ तो मेरी एक फ्रेड ने भी बताया कि बचपन में आलू बम जलाते हुए ऐसा ही उसके साथ भी हो गया। उसका आलम ये है कि वो दीपावली में बिहार जाती  है ढे़रों पटाखे धमाके वाले जलाती है मगर उनको कागज पर रखकर दूर से आग लगाती है। साथियों आपसे निवेदन है दिवाली तो मनाएं मगर ऐसे हादसों से जरूर बचें।
उ अवधी मा कहत हैं कि घर फूंक तमाशा देखव, मतलब घर जलाकर तमाशा देखना इसलिए प्लीज सेव योर सेल्फ एन योर किडृस प्लीज। Happy Deepawali
दीपा श्रीवास्तव

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अब तो जागो