मत कीजिये ऐसा
कितना अजीब सा लगता है.जिन बच्चो को माँ बाप इतने प्यार और दुःख दर्द से पलते है.
उनको अपने हांथो से ही मार देते है.जो माँ अपने जिगर के टुकड़े के लिए रात-रात भर जगती है;उसे भूख से तडपता नहीं देख  पाती है.उसी की छोटी सी ख़ुशी के लिए उसका गला घोट कर मार देती है,क्युकी जिदगी का सबसे अहम् फैसला वो खुद से कर लेते है.
क्या ये ठीक है?
जब आप अपने बच्चे को मर्जी का खाने की इजाजत देते है.कपडे पहनने की इजाजत देते है तो शादी मर्जी की क्यों नहीं? क्या अपनी मर्जी से जीवनसाथी चुनना गुनाह है.निरुपमा ने ऐसा कोई काम नहीं किया था की उसे उसकी जान गवानी पड़े.अरे जिसकी हम पूजा करते  है उस भगवान ने भी तो प्रेम किया था.उसे जब हम पूजते है तो इन्सान को मार क्यों दिया जाता है.हर जन्माष्टमी में कान्हा के जन्म होने तक लोग जागते रहते है.कहते है आज भगवान का जन्म होगा.
रात दिन पूजा करते है.कान्हा ने भी तो प्रेम किया था उन्हें कोई क्यों नहीं ठुकराता है.उसकी तो हर माँ बाप पूजा करते है.मगर जब वही प्रेम उनके बच्चे को होता है तो जात-पात सब देखा जाता है.क्या ये ठीक है.
ये सिर्फ निरुपमा की नहीं बल्कि हर किसी की जिन्दगी की कहानी है.ज्यादातर माँ बाप ऐसे ही होते है.निरुपमा की कहानी कई लोगो के करीब है.इस दुनिया ऐसे बहुत से माँ बाप है जो कहने को तो वो अपने बच्चो को बहुत प्यार करते है.पर उनकी ख़ुशी शायद उनको रास नहीं आती.अपनी जिद के आगे वो कुछ नहीं सुनते है और आखिर में उन्ही को मार भी देते है जिनको पैदा किया होता है.
जात-पात देखना उनका काम है जिनको जनता से वोट चाहिए न की हमारा इसलिए PLEASE इन बातो को चोर के अपने बच्चो की खुशी देखिये.ताकि न आप मजाक बने न आपके बच्चे मरे.और जब आपको उनकी ख़ुशी की परवाह ही नहीं तो बच्चे पैदा ही क्यों करते है आप.
PLEASE DON,T KILL YOUR CHILD.

Comments

bacche nahi betiyaa

We are nothing more than ghar ki izzat
Anonymous said…
"ताकि न आप मजाक बने न आपके बच्चे मरे.और जब आपको उनकी ख़ुशी की परवाह ही नहीं तो बच्चे पैदा ही क्यों करते है आप"
अच्छी और नेक सलाह

Best one

अब तो जागो