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मत कीजिये ऐसा कितना अजीब सा लगता है.जिन बच्चो को माँ बाप इतने प्यार और दुःख दर्द से पलते है. उनको अपने हांथो से ही मार देते है.जो माँ अपने जिगर के टुकड़े के लिए रात-रात भर जगती है;उसे भूख से तडपता नहीं देख पाती है.उसी की छोटी सी ख़ुशी के लिए उसका गला घोट कर मार देती है,क्युकी जिदगी का सबसे अहम् फैसला वो खुद से कर लेते है. क्या ये ठीक है? जब आप अपने बच्चे को मर्जी का खाने की इजाजत देते है.कपडे पहनने की इजाजत देते है तो शादी मर्जी की क्यों नहीं? क्या अपनी मर्जी से जीवनसाथी चुनना गुनाह है.निरुपमा ने ऐसा कोई काम नहीं किया था की उसे उसकी जान गवानी पड़े.अरे जिसकी हम पूजा करते है उस भगवान ने भी तो प्रेम किया था.उसे जब हम पूजते है तो इन्सान को मार क्यों दिया जाता है.हर जन्माष्टमी...