तुम मेरे पास रहोगी
लोगो को कहते सुना था समय और मौत किसी का इंतजार नहीं करते.
पर आज इसे सच होते भी देखा.मेरी सबसे प्यारी बहन जो दोस्त ज्यादा थी.
ऊपर वाले ने उसे बुला लिया..कहाँ उसकी डोली उठने को थी,कहाँ उसकी मय्यत हो गयी.
एक पल में सब कुछ ख़त्म हो गया.
आखरी बार उसे मै एक झलक देख भी न सकी.
क्यूंकि सबको ऐसा लगता था मै उसको देख नहीं पाऊँगी, मै आज भी ऑफिस में हूँ
उसकी कही हुई सारी बात मुझे याद आती है.वो कैसे बोलती थी कितनी शरारत करती थी सब कुछ
मुझे याद है.वो थी तो मुझसे बड़ी पर हमेशा मुझे अपने दोस्त की तरह ही प्यार करती थी.
एक बात जिसे सोच के मुझे अभी भी हंसी आ जाती है,हम नानी के घर गए थे माँ की दादी जो अभी पिछले साल मरी है.
मतलब मेरी परनानी 125 साल की होके.उन्हें जुएँ निकलवाने का बड़ा शौक था हर किसी से वो जुएँ निकालने को ही कहती थी.
इतफाक से उन्होंने बिल्लो से कह दिया एक दिन उसने निकला,फिर दूसरे दिन भी निकल दिया,पर नानी हर किसी को ऐसे ही तंग करती थी.दिन में कम से कम 5 लोगो से तो वो जुएँ निकलवाती ही थी.
अचानक उसे क्या सूझा तीसरे दिन जैसे नानी ने उसे बुलाया.उसने कहा आई नानी आज तेल लगाके जुएँ निकलूगी.नानी तो खुश हो गयी और वो जाके नाई बुला लायी और पीछे से उनका सिर मुंडवा दिया.
ऐसी शरारत सिर्फ वो कर सकती थी. जो आज सुबह 4 बजे मुझे हमेशा के लिए छोड़ गयी.
तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी बिल्लो.
लोगो को कहते सुना था समय और मौत किसी का इंतजार नहीं करते.
पर आज इसे सच होते भी देखा.मेरी सबसे प्यारी बहन जो दोस्त ज्यादा थी.
ऊपर वाले ने उसे बुला लिया..कहाँ उसकी डोली उठने को थी,कहाँ उसकी मय्यत हो गयी.
एक पल में सब कुछ ख़त्म हो गया.
आखरी बार उसे मै एक झलक देख भी न सकी.
क्यूंकि सबको ऐसा लगता था मै उसको देख नहीं पाऊँगी, मै आज भी ऑफिस में हूँ
उसकी कही हुई सारी बात मुझे याद आती है.वो कैसे बोलती थी कितनी शरारत करती थी सब कुछ
मुझे याद है.वो थी तो मुझसे बड़ी पर हमेशा मुझे अपने दोस्त की तरह ही प्यार करती थी.
एक बात जिसे सोच के मुझे अभी भी हंसी आ जाती है,हम नानी के घर गए थे माँ की दादी जो अभी पिछले साल मरी है.
मतलब मेरी परनानी 125 साल की होके.उन्हें जुएँ निकलवाने का बड़ा शौक था हर किसी से वो जुएँ निकालने को ही कहती थी.
इतफाक से उन्होंने बिल्लो से कह दिया एक दिन उसने निकला,फिर दूसरे दिन भी निकल दिया,पर नानी हर किसी को ऐसे ही तंग करती थी.दिन में कम से कम 5 लोगो से तो वो जुएँ निकलवाती ही थी.
अचानक उसे क्या सूझा तीसरे दिन जैसे नानी ने उसे बुलाया.उसने कहा आई नानी आज तेल लगाके जुएँ निकलूगी.नानी तो खुश हो गयी और वो जाके नाई बुला लायी और पीछे से उनका सिर मुंडवा दिया.
ऐसी शरारत सिर्फ वो कर सकती थी. जो आज सुबह 4 बजे मुझे हमेशा के लिए छोड़ गयी.
तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी बिल्लो.
Comments
भगवान उसकी आत्मा को शांति दे.