कितने बेरहम इंसान

कितनी अजीब बात है जब हम घर से निकलते है तो एक ही बात दिमाग में होती है की हमें अपना काम पूरा करना है.ऐसा ही कुछ मै भी निकली १३/०१/२०१० को.किसे पता रास्ते में क्या होगा. घर से महज चार किलो मीटर की दुरी पर जाके मेरा एक्सिडेंट हो गया.वो भी कुछ इस तरह की, मै सही दिशा में जा रही थी.पर रास्ते में ताड़ीखाने(सीतापुर रोड) पर उलटे दिशा में आती हुई मारुती ओमनी (उप ३२सी एल ७२६४)सामने से आके मुझे ठोकर मारी.
ठोकर इनती जबरदस्त थी की मेरी स्कूटी पूरी तरह सामने से क्षतिग्रस्त हो गयी.ऊपर वाले की दया से मुझे मामूली चोट आई.इतने में सरदार जी का बेटा जो उस मारुती को चला रहा था. उसमे शायद उनकी पूरी फैमली थी.वह भागने की कोशिश करने लगा.मगर मै उसकी गाड़ी के सामने थी जाता कहाँ?


 जैसे मैंने उसकी खिड़की पास जाके उसकी कॉलर पकड़ी वो जनाब नीचे आ गए.अब बाकि लोग जो उसमे ओरत बोली.बेटा मै आपके साथ हूँ आप क्या कहते हो? मेरा सीधा जवाब मेरी स्कूटी बनवा दो और जाओ.महिला बोली हम बनवायेगे आपकी स्कूटी (मगर वो सिर्फ कह ही रही थी) ये तो एक बात हुई. आगे मोहतरमा कहती है गाड़ी के मालिक आ जाये वो ही बनवा देंगे.चलो वो सरदार जी भी आ गए(तीरथ सिंह)उनका क्या कहना था ओ जानिए?


ओये लड़की तुम जिन्दा हो ऊपर वाले का शुक्र है,रही बात स्कूटी की तो मै एक टका नहीं दूंगा.अब


ओ मोहतरमा कहती है (यू नो आई ऍम ऐ क्लास ऑफिसर,आई विल नॉट गिव यू वन रूपी ओके,वाट यू विल दू )मैंने कहा ठीक है इतने में पुलिस मुझ तक आ चुकी थी मैंने कहा चलो थाने.पुलिस वाले ले गए सबको मै भी गयी.जैसे मैंने मुक़दमे की बात की फटाफट सब स्कूटी बनवाने को राजी भी हो गए. बेहरहाल हम शो रूम पहुंचे बिल आया २२०० का अब सरदार जी ने कहा मै इतना नहीं दुगा,लेकिन करते क्या उनकी गाड़ी थाने में थी.अब मुझे कहा पैसे तब जमा करूँगा जब मेरी गाड़ी छुड़ा दोगी.मैंने भी कहा लिख तब ही देंगे जब आप यहाँ कैश जमा कर दोगे.खेर शाम को जाके १३५५ दिया.









Comments

my world said…
DEEPA HAVE DONE WONDERFUL WRK. BT AGAR TUM USSE PAISE NA LEKAR USE JAIL KI SLEKHOO KKE PEECHE RAT GUJARWATI TI WHA US A CLASS OFFICER KI JINDAHI BHAR KA SABAK HOTA.
Journo? said…
heheheh. ya i agree with the above commentator

But hats off to u lady!

Best one

अब तो जागो