आम आदमी और चुनाव
आम आदमी के लिए लोकसभा चुनाव मुसीबत का सबब बनता जा रहा है।रोज होने वाले नामांकन से लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।नामांकन के होने की वजह से आए दिन सड़के जम हो जाती है।जिससे लोगो को रोजाना कई दिक्कतों से रूबरू होना पड़ता है।जहाँ इस मोसम में सुबह से ही तेज़ धूप से लोग झुलसने लगते है वही इतनी गर्मी में घंटो जम में फसने वाले छोटे छोटे स्कूली बच्चे से लेकर दफ्तर जाने वाले लोगो को घंटो भीड़ छटने का इंतजार करना पड़ता है
इतना ही नही सबसे बड़ी मुसीबत उन मरीजो के लिए है जिन्हें उस समय अम्बुलेंसे से ले जाया जाता है उन्हें तक पहुचने में घंटो लग जाता है कभी कभी तो ये जिन्दगी की जंग की जरुरत होती है अस्पताल पहुचने से पहले हार जाते है दफ्तर देर पहुचने पर कर्मचारियों को अपने बॉस की दंत सुन्नी पड़ती है वही देर होने के चक्कर में कभी कभी दुर्घटना भी हो जाती है ।
लोकसभा चुनाव के महूल में लखनऊ में रोजाना नामांकन हो रहा है।जिसे चलते इतनी भाग भरी
जिन्दगी वही थम सी जाती है जहाँ ये नामांकन या जुलुस निकलते है
आम आदमी के लिए लोकसभा चुनाव मुसीबत का सबब बनता जा रहा है।रोज होने वाले नामांकन से लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।नामांकन के होने की वजह से आए दिन सड़के जम हो जाती है।जिससे लोगो को रोजाना कई दिक्कतों से रूबरू होना पड़ता है।जहाँ इस मोसम में सुबह से ही तेज़ धूप से लोग झुलसने लगते है वही इतनी गर्मी में घंटो जम में फसने वाले छोटे छोटे स्कूली बच्चे से लेकर दफ्तर जाने वाले लोगो को घंटो भीड़ छटने का इंतजार करना पड़ता है
इतना ही नही सबसे बड़ी मुसीबत उन मरीजो के लिए है जिन्हें उस समय अम्बुलेंसे से ले जाया जाता है उन्हें तक पहुचने में घंटो लग जाता है कभी कभी तो ये जिन्दगी की जंग की जरुरत होती है अस्पताल पहुचने से पहले हार जाते है दफ्तर देर पहुचने पर कर्मचारियों को अपने बॉस की दंत सुन्नी पड़ती है वही देर होने के चक्कर में कभी कभी दुर्घटना भी हो जाती है ।
लोकसभा चुनाव के महूल में लखनऊ में रोजाना नामांकन हो रहा है।जिसे चलते इतनी भाग भरी
जिन्दगी वही थम सी जाती है जहाँ ये नामांकन या जुलुस निकलते है
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