पीकू कहानी नहीं हक़ीक़त
पीकू में मोशन को इमोशन से वाकई में बेहतरीन तरीके से जोड़ा गया है. बाप बेटी की कहानी दकियानूसी सोच पर तमाचा जैसी है. यक़ीनन कई लोगो को बाप बेटी के इस रिश्ते से दिक्कत हुई होगी. दीपिका और बच्चन साहब की एक्टिंग लाजबाव है.पूरी फिल्म में महिलाओं और आज के बच्चों के लिए बहुत कुछ सिखने लायक है. पिता जिसे पता है की उसकी बेटी की उम्र बढ़ रही है मगर को नहीं चाहता की बेटी शादी करे. आधुनिक समाज और बंगोली होने के नाते उसकी सोच में छोटापन नही है. बेटी का शादी के पहले किसी से फ़िज़कल रिलेशन है मगर इसका पिता को कोई अफ़सोस नही है. बाप बेटी में घमासान लड़ाई होती है और बोलचाल भी बंद होती है, मगर प्यार काम नही होता. ज़िद्दी पिता के किसी बात का पीकू दिल से नही लगाती. पीकू जितनी सुंदर दिखती उतनी ही स्मार्ट भी इमरान खान की हर बात का मतलब उसे बराबर पता रहता है. मौसमी चटर्जी यानि मौसी तीन शादियां करती है और इसका कोई गिला नही है. न ही हाय हाय की ऐसा करना पड़ा. पीकू की चाची को ऐसा दिखाया गया है की वो मौसमी चटर्जी से जलती है क्युकी उसकी शादी उसके पति से होने वाली थी. वो एक ऐसा कैरेक्टर है जिसे इस बात की फ़िक्र होती है की ...