पहली बार फूलों का बुके
रात के बारह बजे और हर बार की तरह इस बार भी फोन और मैसेज की बरसात हो गयी। ऐसा मालूम होता है इस दिन कि दुनिया में सिर्फ मैं ही मैं हूं और सब लोग मेरे, ये खास दिन होता है मेरा जन्मदिन जो इस बार भी बहुत ही अच्छा गया। पापा की बीमारी की वजह से मैं थोड़ा सा इससे अलग जरूर थी मगर दोस्तों के आगे एक न चली और पार्टी हो ही गयी। एक निर्धारित जगह चुनी गयी वहां मेरे सारे दोस्त जुटे और मेरा छोटा भाई भी क्योंकि उसकी बिना शायद सबकुछ अधूरा है। खैर इस बर्ड डे की खास बात ये है जो सुनने और पढऩे में जरूर झूठ लगेगी मगर है वो है सत प्रतिशत सच वो ये कि मुझे पहली बार फूलों का बुके मिला। वो बाजी भी मेरी एक प्यारी सी दोस्त न मार ली। इतना ही नहीं मेरे एक और प्यारी दोस्त के छोटे-छोटे भतीजी भतीजों ने मुझे जमकर हैप्पी बर्थ डे विश किया। इसलिए मैं खुद भी कहना चाहूंगी हैप्पी बर्ड डे।।।।।।। दीपा श्रीवास्तव