ये कैसा विकास है हर रोज अखबार का पहला पन्ना पढ़ते ही एहसास होता है कि अपने ही घर में हम सुरक्षित नहीं हैं। समझ नहीं आ रहा कि ये किस तरह का विकास है जो सिर्फ हमारे ही देश में हो रहा है। जहां हर रोज बलात्कार और छेड़छाड़ जैसा घटनाएं आम होती जा रही हैं। हाल ही में पढ़ा कि राजस्थान के वनस्थली विद्यापीठ में दो लडकियों के साथ दुराचार हुआ जिसमें से एक की मौत भी हो गयी, मगर वनस्थली प्रशासन दोषियों को सजा दिलाने के बजाय इस घटना पर परदा डाल रहा है। वहीं हरियाणा में एक महीनें के भीतर करीब डेढ दर्जन महिलाओं के साथ दुराचार किया गया। मामला तूल पकड़ता हुआ लगा तो कांग्रेस अध्यक्ष भी पीड़ित के घर हो आयी मगर क्या इससे अपराध रूकेगा। पीड़ित के घर कोई जानी मानी हस्ती का आगमन या मुआवजा ऐसी वारदातों का निपटारा करा सकता है। इन सबके साथ ही कलकत्ता के विश्वभारती में भी एक पीएचडी की छात्रा से वरिष्ठ अध्यापक ने छेड़छाड की, अजब है न हमारे आस पास रहने वाले लोग। जो हमेें सुरक्षा और सरंक्षा ...
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