तेरी यादें ............. साल बीतने को है मगर तेरी यादें यादें दिल जला देती हैं मुस्कुराते हैं खिलखिलाते हैं मगर अंधरे रातों की चुप्पी रुला देती हैं, खुश हूँ नयी दुनिया के रस्मो रिवाजों से मस्त हूँ अपने पंख के परवाजो से फिर भी तन्हाई जमीं पर गिरा देती है गुंजाईश थी रिश्तो को समेटने की मगर दर्द तेरी बेकद्री की चादर उढ़ा देती है कुछ इस कदर तुम बदले की दिल ने नागवार कर दिया तुमको वरना चाहत का एहसास तेरे नाम से ही हमको हिला देती है दीपा
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